मुकुट चक्र हमारे सिर के ऊपर स्थित होता है इसी कारण इसे क्राउन चक्र कहते है। क्राउन का हिंदी में अर्थ “सिर का ताज” होता है। क्राउन चक्र हमारी चेतना का आखिरी केंद्र है और इस शरीर का आखिरी द्वार है। इसे ब्रह्म रंद्र और सहस्रार चक्र भी कहा जाता है।
मुकुट चक्र (सहस्रार चक्र) 1000 पंखुड़ियों वाले एक फूल की तरह हमारे सिर के उपर क्लॉक वाइज घूमता रहता है। यह चक्र भगवान/यूनिवर्स के साथ जुड़ा हुआ रहता है। भगवान के द्वारा भेजे जाने वाले सन्देश इसी चक्र के द्वारा हमें प्राप्त होते है।
इस आर्टिकल में मैं आपको उन सभी तरीकों के बारे में बताऊंगा जिनसे आप जान पाएंगे कि अपने स्वाधिष्ठान चक्र को जाग्रत कर पाएंगे .
क्राउन/मुकुट चक्र को संतुलित करने की ध्वनि
क्राउन/मुकुट चक्र जाग्रत होने के फायदे
भगवान के द्वारा निरंतर दिशा निर्देश मिलना या आभास होना।
खुद के जीवन लक्ष्य का ज्ञान होना।
व्यक्ति को इस बात का अहसास होता है कि केवल भगवान ही सत्य है और मेरा परिवार, पैसा, संतान केवल कुछ समय के लिए मेरे साथ है।
व्यक्ति में त्याग और परोपकार की भावना जाग्रत होती है।
जीवन में दूर तक देखने की शक्ति प्राप्त होती है जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियों के CEO, बिज़नेस Men, देश के बड़े नेता आदि कोई भी काम आगे आने वाले 10 से 20 वर्षो की सोच कर करते है।
छोटे और बड़ो के प्रति सम्मान की भावना पैदा होती है।
क्राउन/मुकुट चक्र जाग्रत ना होने से नुकसान
1. मानसिक नुकसान
भगवान से दूर होना अथवा भगवान में भरोसा ही ना होना।
जीवन में कोई स्पष्ट लक्ष्य ना होना (केवल खाने-पीने और मौज मस्ती में ध्यान रहना)
दिमाग के सम्बंधित समस्याए होना जैसे डिप्रेशन, तनाव, चिंता, सिर दर्द आदि।
दिमाग द्वारा शरीर को कण्ट्रोल करने की क्षमता का कम होना।
किसी भी व्यक्ति पर विश्वास ना कर पाना।
स्वार्थी भाव होना और जीवन में मानवता का अभाव होना।
किसी के भी प्रति दया भाव ना होना।
जीवन में किसी बड़े लक्ष्य को पाने के लिए खुद को तैयार ना कर पाना।
व्यक्ति में जीवन मूल्यों, नैतिक गुणों और मोटिवेशन की कमी होना।
2. शारीरिक नुकसान
सिर के ढ़ाचे से सम्बंधित कोई समस्या होना।
त्वचा से सम्बंधित कोई समस्या होना।
शरीर पर प्रकाश, आवाज और वातावरण का अत्यधिक प्रभाव पड़ना।
मानसिक संतुलन खो देना।
सिर में कैंसर, ट्यूमर या कोई बड़ी बीमारी का होना।
नोट : जरुरी नही है कि उपर बताये गये सभी फायदे और नुकसान प्रत्येक व्यक्ति में समान रूप से हो इनका प्रभाव अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग होता है।
क्राउन चक्र से जुड़े शारीरिक अंग
सिर और दिमाग का ऊपरी हिस्सा।
सेरेब्रल कोर्टेक्स (यह हमारी भाषा, सोच, रीजनिंग क्षमता आदि को कण्ट्रोल करता है)
सेरीब्रम (यह शरीर के मूवमेंट और ढ़ाचे को कण्ट्रोल करता है)
पिट्यूटरी ग्रंथि (यह शरीर में हार्मोन्स के बीच संतुलन बनाकर रखती है)
पीनियल ग्रंथि (यह शरीर की ग्रोथ और उसे युवा बनाने का कम करती है)
शरीर का नर्वस सिस्टम
सिर के बाल और त्वचा
दिमाग के अन्य सारे अंग भी क्राउन चक्र से जुड़े रहते है
क्राउन/मुकुट चक्र को जाग्रत करने के निम्न तरीके है
1. बड़ो के आशीर्वाद के द्वारा क्राउन चक्र को जाग्रत करें
भारतीय संस्कृति के अनुसार जब भी हम अपने बड़े से मिले तो हमें उनके पैर छुकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि आशीर्वाद देते समय बड़े लोग अपना हाथ छोटो के सिर पर रखते है। बड़ो का आशीर्वाद क्राउन चक्र के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
बड़ो के आशीर्वाद से हमारे क्राउन चक्र को ऊर्जा मिलती है और वह जाग्रत होता है। इसलिए हम बड़ो से जितना अधिक आशीर्वाद लेंगे हमारा क्राउन चक्र उतना ही जल्दी जाग्रत होगा।
2. ध्यान के द्वारा क्राउन चक्र को जाग्रत करें
हमारे शरीर में 7 चक्र होते है जिनका अलग-अलग कार्य होता है। प्रथम 6 चक्रों को जाग्रत करने के लिए अलग-अलग मंत्र होता है। लेकिन क्राउन चक्र के लिए कोई मंत्र नही होता वैसे ओम (Ohm) को इसका मंत्र माना जाता है जो कि तीसरी आँख का मंत्र होता है।
क्राउन चक्र का ध्यान करने के लिए आपको शांति से एक स्थान पर बैठकर अपनी आखें बंद करके क्राउन चक्र पर ध्यान को लगाना होता है। अगर आपको ध्यान लगाने पर अपने सिर के उपरी हिस्से में चीटियाँ चलने का आभास होता है तो इसका मतलब है कि आपका क्राउन चक्र थोड़ा जाग्रत है।
लेकिन अगर ऐसा नही होता तो आपको अपने हाथ की अंगुलियों के द्वारा क्राउन चक्र पर धीरे-धीरे टैपिंग करनी है और उसके बाद आपको ध्यान के द्वारा ओम का उच्चारण करना है।
इस दौरान आपको अपना ध्यान सिर के ऊपरी हिस्से (चोटी) पर लगाना है, दोनों आँखों के मध्य में नही लगाना। लगभग 1 से 3 महीने में आपको अपने सिर के ऊपरी हिस्से में थोड़ा भारीपन या चीटियाँ चलने जैसा आभास होने लगेगा।
3. क्राउन चक्र प्रतिज्ञान
मैं परमात्मा का ही एक हिस्सा हूँ और हमेशा परमात्मा से जुड़ा रहता हूँ।
मैं परमात्मा के द्वारा दिए जाने वाले संकेतो को क्राउन चक्र के द्वारा समझ सकता हूँ।
मेरे अंदर परमात्मा की शक्ति मौजूद है और मैं उसका सम्मान करता हूँ।
मैं संसार की प्रत्येक वस्तु को अपने से दूर करने के लिए भी तैयार हूँ।
मैं हमेशा बहुत खुश रहता हूँ।
4. जरूरतमंद लोगो की सहायता के द्वारा और दुवाओं के द्वारा क्राउन चक्र को जाग्रत करें
क्राउन चक्र को जाग्रत करने में अगर कोई सबसे अधिक कारगर उपाय है तो वह है जरूरतमंद लोगो कि मदद करना और उनकी दुवाएं लेना।
जो व्यक्ति जीवन में जितनी अधिक दुवाएं लेता है भगवान उससे उतना ही अधिक खुश होता है और जब भगवान किसी व्यक्ति से खुश होते है तो उसका क्राउन चक्र जाग्रत भी जाग्रत कर देते है ताकि वो अपने मैसेज क्राउन चक्र के द्वारा उस व्यक्ति तक पंहुचा सके।
5. साक्षी भाव में रहकर क्राउन चक्र को जाग्रत करें
हमेशा सकारात्मक सोच रखे और वर्तमान में जीवन जीने की कोशिश करें भविष्य और भूतकाल की बातें ज्यादा ना सोचे।
ईमानदारी से अपना काम करें और बड़ों के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
अपने बड़ों का आदर और सम्मान करें।
कभी भी झूठ ना बोले, हमेशा सच का साथ देवें।
6. रेकी के द्वारा क्राउन चक्र को जाग्रत करें
बहुत सारे लोग ऐसे होते है जिनके क्राउन चक्र में बहुत ज्यादा समस्या होती है और वो खुद से क्राउन चक्र को जाग्रत नही कर पाते है तो ऐसे लोगो को रेकी मास्टर की मदद लेनी चाहिए।
रेकी मास्टर वह होता है जो मैडिटेशन के द्वारा तथा अपनी ऊर्जा के द्वारा दुसरे लोगो के चक्रों को जाग्रत कर सकता है। इन्टरनेट पर सर्च करने पर आपको अपने आस-पास के शहर में बहुत सारे रेकी मास्टर मिल जायेंगे।
7. खेचरी मुद्रा के द्वारा क्राउन चक्र को जाग्रत करें
खेचरी मुद्रा मैडिटेशन के दौरान लगाई जाती है जिसमे आपको अपनी जीभ को ऊपरी तालू के साथ टच करना होता है ऐसा करने पर मुख में एक रस निकलता है जिसे ब्रह्म रस कहा जाता है और इसमें अमृत जैसा मिठास आता है।
कुछ लोगो को ध्यान करते समय अपने खेचरी मुद्रा लग जाती है और उनके मुख के ऊपरी हिस्से से रस टपकने लगता है और गले से होकर पेट में चला जाता है।
क्राउन/मुकुट चक्र के द्वारा किसी भी बीमारी को कैसे ठीक करें
आपका क्राउन चक्र इतना शक्तिशाली है कि आप उसके द्वारा अपने शरीर में किसी भी प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्या को ठीक कर सकते है।
क्राउन चक्र मैडिटेशन (कैसे करते है यह मैंने आपको ऊपर बताया है) के दौरान यह महसूस करें कि आपका क्राउन चक्र घूम (क्लॉक वाइज) रहा है और ब्रह्मांडीय ऊर्जा (सफ़ेद प्रकाश) आपके क्राउन चक्र से होती हुई आपके शरीर के उस अंग में जा रही है जिसमे कोई समस्या है और अपने उस शारीरिक अंग ठीक होते हुए महसूस करें। यह क्रिया आपको तब तक दोहरानी है जब तक आप पूरी तरह से ठीक नही हो जाते।
क्राउन/मुकुट चक्र जाग्रत होने के लक्षण
क्राउन चक्र हमारे शरीर में मौजूद 7 चक्रों में सबसे शक्तिशाली होता है और यह बहुत कम लोगो का जाग्रत होता है जिन लोगो का क्राउन चक्र जाग्रत होता है उनमे से ज्यादातर लोग प्रतिदिन मैडिटेशन करने वाले होते है।
क्राउन चक्र को जाग्रत करने के बहुत सारे तरीके होते है जो कि मैंने इस आर्टिकल में आपको बताये है लेकिन अब मैं आपको क्राउन चक्र जाग्रत होने के लक्षण के बारे में बताऊंगा।
क्राउन/मुकुट चक्र जाग्रत होने के निम्न लक्षण होते है
1. सिर में भारीपन महसूस होना
जिस व्यक्ति का क्राउन चक्र जाग्रत होता है उसे ध्यान करते समय सिर में चीटियाँ चलने या थोड़ा भारी-भारी महसूस होता है।
2. भविष्य का आभास होना
जिस व्यक्ति का क्राउन चक्र जाग्रत होता है उसे भविष्य में होने वाली घटनाओं का पहले ही थोड़ा बहुत आभास हो जाता है या फिर उसे सपने में कोई संकेत मिल जाते है।
3. संसारिक जीवन से लगाव कम होना
जब किसी व्यक्ति का क्राउन चक्र जाग्रत होता है तो उसका इस संसार से लगाव थोड़ा कम हो जाता है और उसे भगवान से जुडी बातों और देवीय स्थानों में ज्यादा लगाव होने लगता है। उसका संसारिक जीवन में कोई भी काम करने का मन नही करता।
4. त्याग और परोपकार की भावना प्रबल होना
क्राउन चक्र जाग्रत होने पर व्यक्ति अपने जीवन में बड़े-बड़े त्याग करने के लिए तैयार रहता है उसे सभी लोग अपने जैसे ही लगने लगते है और वह कभी भी किसी का बुरा नही सोच सकता।
5. ध्यान में खिंचाव महसूस होना
क्राउन चक्र जाग्रत होने पर व्यक्ति को ध्यान करते समय पीछे की तरफ खिंचाव महसूस होता है और कभी-कभी यह खिंचाव इतना ज्यादा होता है कि व्यक्ति को बैठने भी नही देता बल्कि उसे पीठ के बल लेटना पड़ता है।
6. एकांत में रहने की इच्छा होना
क्राउन चक्र जाग्रत व्यक्ति को एकांत अच्छा लगता है। वह भीड़-भाड़ वाली जगह से हमेशा दूर भागता है। यहाँ तक की उसे अपने परिवार जन के साथ भी ज्यादा देर तक रहना अच्छा नही लगता।
7. नींद का समय कम होना
जिस व्यक्ति के दिमाग में अधिक विचार चलते है उसका दिमाग अधिक थकता है और उसे अधिक देर तक सोना पड़ता है लेकिन क्राउन चक्र जागरण कि अवस्था में व्यक्ति के दिमाग में चलने वाले विचारों की संख्या बहुत कम हो जाती है इसलिए उसे अधिक थकान नही होती जिस कारण उसका नींद का समय कम हो जाता है।
8. शाकाहारी भोजन करने का मन करना
बहुत सारे लोग ऐसे है जिनको पहले मांसाहारी भोजन करना अच्छा लगता था परंतु मैडिटेशन करने के कारण जब उनका क्राउन चक्र जाग्रत हो जाता है तो उनका मांसाहारी भोजन से लगाव कम हो जाता है और वे धीरे-धीरे शाकाहारी भोजन करने लग जाते है।
9. आध्यात्मिक कार्यो में रूचि बढ़ना
जब किसी व्यक्ति का क्राउन चक्र जाग्रत होता है तो उसकी आध्यात्मिक कार्य करने में रूचि बढ़ने लगती है जैसे मंदिर जाने, रोज पूजा-पाठ करने आदि व्यक्ति का भगवान में विश्वास बढ़ने लगता है।