अगर आपका जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है और आप अपना जीवन लक्ष्य खोजना चाहते है, तो आपको अपना स्वाधिष्ठान चक्र बैलेंस/जाग्रत करना पड़ेगा। इसके अलावा अगर आपको सेक्सुअल ऑर्गन, लिवर, किडनी, पेनक्रियाज, एड्रिनल ग्रंथि, रीड की हड्डी का मध्य हिस्सा आदि में कोई भी परेशानी है तो इसका मतलब है कि आपका स्वाधिष्ठान चक्र जाग्रत नही है
इस आर्टिकल में मैं आपको उन सभी तरीकों के बारे में बताऊंगा जिनसे आप जान पाएंगे कि अपने स्वाधिष्ठान चक्र को जाग्रत कर पाएंगे
स्वाधिष्ठान चक्र को जाग्रत करने की ध्वनि
स्वाधिष्ठान चक्र जाग्रत होने के फायदे
हमारे शरीर में 7 चक्र होते है, प्रत्येक चक्र के जाग्रत होने के अलग-अलग फायदे होते है आपको इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
- हमेशा खुशी महसूस करना और अच्छे इमोशन होना
- लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगेगा
- आत्मविश्वास अच्छा होगा
- समाज के लोगों के साथ मिलजुलकर रहेंगे
- आप अपने आपको आजाद महसूस करेंगे
- जीवन में एक लक्ष्य होगा
- लोगों कि भीड़ से अलग दिखने की चाहत होगी
- अच्छे खान-पान तथा नए वस्त्रों में रुचि होगी
- अपनी रूचि के अनुसार कार्य करेंगे
स्वाधिष्ठान चक्र अस्थिर् होने पर होने वाली समस्याएं
शारीरिक समस्याएं
- पेशाब से संबंधित समस्याएं
- निसंतानता, शुक्राणु का कम होने कि समस्या
- एलर्जी और अस्थमा की समस्या हो सकती है
- पेट से संबंधित समस्याएं
मानसिक तथा भावनात्मक समस्याएं
- नशा करने का मन करना, ड्रग्स लेना आदि
- बिना किसी बात के चिंता करना, तनावग्रस्त होना
- खुद के प्रति नफरत पैदा होना
- नेगेटिव सोच होना
- आपके अंदर की क्रिएटिविटी खत्म हो जाना
- सेक्सुअलिटी से संबंधित नेगेटिव विचार आना